- सफर 20 मिनट का, लेकिन लग रहे घंटों
छपारा 1 जनवरी 2021 (लोकवाणी)। जिले के छपारा विकासखंड के अंतर्गत आने वाले ग्राम भीमगढ़ में स्थित वैनगंगा नदी का पुल बीते अगस्त 2020 को बाढ़ की चपेट में आकर टूट गया था, महीनों के बाद शासन-प्रशासन की राह देखते हुये ग्रामीणों ने श्रमदान कर नदी पर वैकल्पिक मार्ग बना लिया था, जहां से आज भी राहगीरों के साथ दोपहिया व चौपहिया वाहन के अलावा यात्री बसों का संचालन हो रहा है। वैकल्पिक मार्ग का उपयोग कर ग्रामीण आना-जाना तो कर रहे है, लेकिन छोटी-बड़ी दुर्घटनाएं इस मार्ग में हो रही है, इतना ही नहीं छपारा से भीमगढ़ पहुंचने वाला यह मार्ग अब 20 मिनट की बजाय लगभग एक घंटे का समय ले रहा है।
ज्ञात हो कि भीमगढ़ ग्राम के समीप एशिया महादीप के सबसे बड़े मिट्टी के डेम के रूप में ख्याति प्राप्त संजय सरोवर परियोजना भीमगढ़ बांध भी है, जहां प्रतिदिन सैंकड़ों की संख्या में पर्यटक घूमने के लिये पहुंचते है। क्षेत्रीय लोगों के साथ बाहरी जिलों से आने वाले पर्यटक भीमगढ़ बांध की प्राकृतिक छटा को निहारते हुये नजर आते है, लेकिन बांध पहुंचने वाला यह मार्ग जर्जर होने के साथ उड़ती धूल में तब्दील हो गया है। भीमगढ़ ग्राम के समीप वैनगंगा नदी पर बना हुआ पुल अतिवृष्टि की भेंट चढ़ जाने के पश्चात अब ग्राम भीमगढ़ व बांध जाने के लिये लोग वैकल्पिक मार्ग का उपयोग कर रहे है, जो कि खतरों से खाली नहीं है।
क्षेत्रीय ग्रामीणों ने बताया है कि वैकल्पिक मार्ग के लिए एक पुलिया डालकर जैसे-तैसे नया पुल बना दिया गया है। इस पुल से गुजरने वाले वाहनों के लिए यह मार्ग काफी खतरनाक है। ऐसे में यदि वाहन के साथ कोई हादसा हो जाए तो इसके परिणाम काफी गंभीर हो सकते है। मुरम डालकर मार्ग बनाया गया है, लेकिन पुलिया डाले जाने के बावजूद पानी सड़क से रिस रहा है। आवागमन में हो रही परेशानियों के कारण लोगों में आक्रोश व्याप्त है। इस मार्ग से सुनवारा, धनौरा, छपारा, केवलारी और मंडला जाने वाले लोग गुजरते हैं। पुल टूट जाने के साथ आज दिनांक तक नया पुल बनाने को लेकर किसी भी तरह की कार्यवाही सार्वजनिक नहीं हो पायी है। क्षेत्रीय ग्रामवासियों ने मांग की है कि इस मार्ग और पुल के निर्माण के लिए शीघ्र कदम उठाए जाएं नहीं तो आने वाले दिनों में लोगों की परेशानियां और बढ़ जाएंगी।
