भोपाल 29 अप्रैल 2021 (लोकवाणी)। प्रदेश में बेकाबू हो चुके कोरोना संक्रमण के कारण अस्पताल फुल है, संकट के इस दौर में प्रदेश के करीब दो हजार नर्सिंग होम संजीवनी साबित हो सकते थे। यदि कागजों में मौजूद ये नर्सिग होम और इनके एक लाख से ज्यादा बेड हकीकत में होते। ये वो नर्सिग होम है, जिन्हें नर्सिंग कालेजों ने अपनी मान्यता के लिये भरा पूरा बताया था। अब हालात देखकर सरकार को भी इन नर्सिंग कालेजों से संबद्ध नर्सिंग होम्स की याद आई है और सरकार ने पूछा है कि अस्पताल और बेड कहां है ? एक प्रतिष्ठित दैनिक समाचार पत्र में प्रकाशित इस ग्राउंड रिपोर्ट पर त्वरित संज्ञान लेकर आयोग ने मुख्य सचिव, म.प्र. शासन, अपर मुख्य सचिव, म.प्र. शासन, लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग, मंत्रालय से 10 मई 2021 तक प्रतिवेदन मांगा है। आयोग ने इन अधिकारियों से यह भी पूछा है कि नर्सिंग कालेजों के दो हजार अस्पतालों में एक लाख से ज्यादा बेड की हकीकत/वास्तविकता क्या है ? साथ ही यह भी पूछा है कि इन कालेजों/अस्पतालों का निरीक्षण यदि किसी अधिकारी या संस्था ने किया है, तो उसकी जांच रिपोर्ट में क्या उल्लेखित किया गया है ?