सिवनी

घंसौर : खतरे में शिक्षा का सफर, वर्षों से नहीं हो सकी समस्या हल

मामला घंसौर विकासखंड का

खतरे में शिक्षा का सफर, वर्षों से नहीं हो सकी समस्या हल

सिवनी 09 दिसंबर 2021 (लोकवाणी)। पानी की लहरों पर तेज हवाओं के मध्य स्वयं नाव चलाते हुए स्कूल तक पहुंचने का क्रम वर्षों से जारी है जहां मंडला एवं सिवनी जिले के आदिवासी ग्रामों में निवास करने वाले बालक-बालिकाएं नाव की सवारी कर लगभग ५ किलोमीटर सफर तय कर विद्या अध्ययन करने हेतु पहुंच रहे हैं।
मामला घंसौर विकासखंड के ग्राम ब्यौहारी में आदिवासी विकास विभाग द्वारा संचालित शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय का है जहां बरगी बांध निर्माण के बाद डूब क्षेत्र में आए मंडला जिले के ग्राम केकरा व मानेगांव तथा सिवनी जिले के ग्राम खुर्सीपार के बालक-बालिकाएं कक्षा ११वीं एवं १२वीं में शिक्षा अध्ययन करने के लिए प्रतिदिन नाव पर सफर कर पहुंच रहे हैं।
दरअसल जिला प्रशासन एवं विभागीय अधिकारियों ने कभी भी इस समस्या का स्थायी निदान करने का प्रयास ही नहीं किया। परिणाम स्वरूप आज भी जान जोखिम में डालकर विद्यार्थी प्रतिदिन स्कूल पहुंच रहे हैंँ।
इस मामले में आदिवासी विकास विभाग द्वारा मत्स्य विभाग को पत्र लिख मोटर बोट आवंटित करने के साथ उसे संचालित करने के लिए प्रशिक्षित व्यक्तियों की नियुक्ति करने के लिए भी निवेदन किया था लेकिन यह भी समस्या का स्थायी हल नहीं है क्योंकि बोट का सफर भी पूर्णत: सुरक्षित नहीं माना जा सकता।
दरअसल वर्षों से जिले में पदस्थ अधिकारियों ने समस्या हल करने की बजाए पत्राचार कर अपनी जबावदारी पूर्ण कर ली जबकि जिला प्रशासन चाहता तो मंडला जिले के ग्रामों से आने वाले विद्यार्थियों को उनके ही निवास स्थल के समीप संचालित शासकीय स्कूलों में भर्ती कराया जा सकता था।
प्रदेश शासन आदिवासी परिवारों के बच्चों को विद्या अध्ययन करवाने के लिए हास्टल संचालित कर रही है जहां इन विद्यार्थियों को दाखिल दिलवाकर समस्या का निदान कराया जा सकता है लेकिन ना तो इस समस्या को लेकर जिला प्रशासन गंभीर है और ना ही राजनैतिक दलों के जनप्रतिनिधि।
कुल मिलाकर देखा जाए तो हर वर्ष मीडिया के माध्यम से उक्त समस्या उच्च अधिकारियों के संज्ञान में लाई जाती हैं जहां अधिकारी आवश्यक कार्यवाही करने का आश्वासन देकर अपना कर्तव्य पूर्ण कर लेते हैं जबकि समस्या का स्थायी हल ढूंढना आवश्यक है क्योंकि यह जान जोखिम में डालकर स्कूल तक पहुंचने वाले बालक-बालिकाओं से जुड़ा गंभीर मसला है।
ये क्या कहते हैं
समस्या का स्थायी हल करने का प्रयास हो रहा है। मंडला जिले से ब्यौहारी शिक्षा अध्ययन के लिए आने वाले विद्यार्थियों को उसी जिले में प्रवेश दिलाने हेतु सहायक आयुक्त मंडला से चर्चा की जा रही है।
सतेंद्र मरकाम
सहायक आयुक्त
आदिवासी विकास विभाग सिवनी
विद्यालय में कक्षा ११वीं और १२ वीं में अध्ययनरत २०-२५ बालक-बालिकाएं प्रतिदिन नाव पर सफर कर आते हैं। बोट की व्यवस्था करने हेतु उच्च अधिकारियों को पत्र लिखे गए हैं लेकिन यह सुविधा भी आज तक उपलब्ध नहीं हो पाई है।
एस.एल. धुर्वे
प्राचार्य
शास. उ.मा. विद्यालय ब्यौहारी

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