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भीमगढ़ बांध से प्यासों की आस, कब मिलेगा पीने का पानी

  • जलसंकट के लिए जिम्मेदारों पर कोई कार्यवाही नहीं

  • सूर्यप्रकाश विश्वकर्मा

सिवनी। एशिया के सबसे बड़े मिट्टी के बांध के पानी से सिवनी नगर ही नहीं वरन अनेक ग्रामीण अंचलों में रहने वाली जिंदगियॉ चलती थी, अब जिम्मेदारों की महरबानी से यह बांध सूखा मैदान बनकर रह गया है और चारों ओर पीने के पानी के लिए त्राहि-त्राहि मची हुई है। अभी तक यह तय नहीं हो सका है इस अव्यवस्था के लिए जिम्मेदार कौन है और शासन व सरकार इस मामले में कितनी गंभीर है। पर्याप्त बारिश के बाद भी जलसंकट की स्थिति ने अनेक सवाल खड़े कर दिए है।
भीमगढ़ बांध में पानी समाप्त होने के लिये जल संसाधन के अधिकारियों को जिम्मेदार माना जा रहा है वही इस बात पर भी गौर करने की आवश्यकता है कि किस नेता के दबाव के चलते सिवनी नगर व ग्रामीण जनता को मिलने वाला पानी समीपपस्थ जिले के बालाघाट की ओर प्रवाहित कर दिया गया और सिवनी के किस वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारी के निर्देश पर जल संसाधन विभाग ने ऐसा कृत्य किया है जहां पीने के लिए सुरक्षित पानी को बहा दिया गया। ज्ञात हो कि 17 अप्रैल को 06 दिन बीत चुके है जहां सिवनी नगर में पेयजल संकट की स्थिति है।
तय ना हो सकी जिम्मेदारियां
नगरपालिका का काम जलस्त्रोत से नगरवासियों के लिए पेयजल उपलब्ध कराना है। जो जलस्त्रोत (भीमगढ़ बांध) नगरपालिका के कार्यक्षेत्र में न आकर जल संसाधन विभाग के कार्यक्षेत्र में आता है, इस जल स्त्रोत को खाली किया जा रहा था उस समय नगरपालिका सिवनी के जिम्मेदारों ने क्यों ध्यान नहीं दिया। अब इस जलसंकट के समय पक्ष व विपक्ष अपने अपने स्तर पर पानी के टेंकर की उपलब्धता बताकर अपनी अपनी सक्रियता सुनिश्चित कर रहे है। लेकिन इस बात पर कोई स्पष्ट जबाब नहीं दे पा रहा है कि इस जल संकट के लिए जिम्मेदार कौन है और कार्यवाही क्या हो रही है। अब इस जल संकट से निपटने के लिए विकल्प के रूप में समीपी जिला छिंदवाडा जिले के माचागोरा बांध से भीमगढ़ बांध में पानी लाये जाने की तैयारी की जा रही है।
कलेक्टर के आदेशों का नहीं हो रहा पालन

जिला दण्डाधिकारी सिवनी ने भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता 2023 की धारा 163 में प्रदत्त किये गये अधिकार को प्रयोग में लाते हुए नगर पालिका सिवनी एवं मास्टर प्लान क्षेत्र के लिए आदेश तो जारी कर दिए लेकिन आदेश का पालन जमीनी स्तर पर कितना हो रहा है यह बात आमजनता से छिपी नहीं है। कलेक्टर के आदेशानुसार जल स्त्रोंतो का उपयोग सार्वजनिक हित में दैनिक जीवन के कार्यों एवं पेयजल के अतिरिक्त उपयोग किया जाना चाहिए लेकिन शासकीय व अशासकीय निर्माण कार्य इस पेयजल संकट की स्थिति में बदस्तूर चल रहे है, जिसकी कोई अनुमति सक्षम राजस्व अधिकारियो से नहीं ली गई है।
मोटर लगाकर हो फसलों की हो रही सिंचाई



छपारा सहित आसवास के क्षेत्र में जहां से बैंनगंगा नदी प्रवाहित होती है तथा भीमगढ़ बांध के आसपास का क्षेत्र जहां पर फसलों की सिंचाई के लिए विद्युत मंडल ने टीसी कनेक्शन दिए है तथा सैंकड़ों की संख्या में मोटरों के माध्यम से सिंचाई हो रही है जबकि इस जल संकट को देखते हुए जल स्त्रोंतो का उपयोग किसी सिंचाई कार्यों हेतु नहीं किया जाना चाहिए, इस संबंध में कलेक्टर ने आदेश भी जारी किए है लेकिन आदेश की अवहेलना होने पर एक भी अपराधिक प्रकरण दर्ज नहीं किया गया है। इतना ही नहीं नदी का पानी मोटरों से लिए जाने के मामले में जल संसाधन विभाग ने भी कोई सख्त रवैया नहीं अपनाया है।
07 दिन बाद माचागोरा से इंटकवेल तक आयेगा पानी

भीमगढ़ बांध में पानी ना होने की स्थिति में सिवनी नगर सहित ग्रामीण अंचलों मंें आए जल संकट को स्थिति को देखते हुए विधायक दिनेश राय मुनमुन ने जल संसाधन विभाग के अधिकारियों के साथ 16 अप्रैल को सुआखेड़ा प्लांट में एक बैठक ली। इस संबंध में दिनेश राय मुनमुन ने बताया कि पेंच व्यपवर्तन, जल संसाधन विभाग के अधिकारियों व ठेकेदारों से इस समस्या को लेकर चर्चा हुई है जिन्होंने वास्तविकता को देखा व समझा है। जहां सभी ने माचागोरा बांध से पानी देने के लिए पहल की है और तैयार है। जलावर्धन योजना के तहत बने इंटेकवेल तक पानी आने में 07 दिन का समय लगेगा तथा एल एंड टी कंपनी के माध्यम से भी एक दिन के आडे में पानी दिया जायेगा। माचागोरा से पानी पहुंचने के बाद आगामी 2 से ढाई माह तक पानी की समस्या समाप्त हो जायेगी।
तकनीकी रूप से गलत है इंटेकवेलरू अशोक डहेरिया

सुआखेड़ा फिल्टर प्लांट में विधायक व विभागीय अधिकारियों के साथ उपस्थित जल संसाधन विभाग के मुख्य अभियंता अशोक डहेरिया ने बताया कि नगर पालिका परिषद सिवनी के द्वारा जलावर्धन योजना के तहत जो इंटेकवेल बनाया है वह तकनीकी कारणों से उपर बना है। स्थितियां जो भी हो माचागोरा बांध से पानी 07 दिन बाद 20 क्यूसिक पानी छोड़ा जायेगा और इंटेकबेल तक पानी पहुंच जायेगा। इसके बाद दो से ढाई माह तक पानी आमजनों को मिल सकेगा।

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