– तापमान बढ़ा पर, स्कूलों का नहीं बदला समय
सिवनी 25 अप्रैल (लोकवाणी)। प्राइवेट स्कूलों की फीस में वृद्धि को स्कूल शिक्षा विभाग ने गाइड लाइन और निर्देश जारी किए हैं, जिसका पालन प्रायवेट स्कूल संचालक नहीं कर रहे है। सिवनी जिले के विभिन्न प्राइवेट स्कूलों के औचक निरीक्षण के दौरान यह बात सामने आयी है कि स्कूल में फीस तो बढ़ायी गई है लेकिन शिक्षा विभाग को इसकी जानकारी नहीं दी गई है। ऐसे 75 प्राइवेट स्कूलों के नाम सामने आये है जिन्होंने अभिभावकों से ली जाने वाली स्कूल फीस तो बढ़ाई है, इन स्कूलों को जिला शिक्षा अधिकारी ने नोटिस जारी कर एक हफ्ते में जवाब तलब किया है। देखा जाये तो समय रहते शिक्षा विभाग काम नहीं कर रहा है जिसके कारण अनेक अनियमितताएं सामने आ रही है। वहीं वरिष्ठ अधिकारी वस्तु स्थिति से अपना पलड़ा झाड़ते नजर आ रहे है।
विकासखंडवार नोटिस की जानकारी
सूत्रों के अनुसार आठों विकासखंड के 75 नीजि स्कूलों को नोटिस जारी किए है। सिवनी विकासखंड के , कुरई विकासखंड के 8, घंसौर विकासखंड के 3, बरघाट विकासखंड के 13, धनौरा विकासखंड के 7, लखनादौन विकासखंड के 2, केवलारी विकासखंड के 15, छपारा विकासखंड के 18 प्रायवेट स्कूलों को फीस वृद्धि के मामले में जिला शिक्षा अधिकारी द्वारा नोटिस जारी किए गए है। नोटिस पाने वालों में नामी स्कूल भी शामिल हैं जिन्होंने किताब, यूनिफार्म, फीस आदि के विषय में पूर्व से ही निर्देशित नियमों का पालन नहीं किया है, स्कूल फीस का जो स्ट्रेक्चर है, उसके अनुसार स्कूल प्रबंधन ने कार्य नहीं किया है।
भीषण गर्मी: नहीं बदला स्कूलों का समय
बीते एक सप्ताह में तापमान लगातार बढ़ता जा रहा है। भीषण गर्मी के कारण बच्चों का स्कूल जाना परेशानियों का कारण बना हुआ है। जानकारी के अनुसार 20 अप्रैल को 41 डिसे, 21 अप्रैल को 41.4 डिसे, 22 अप्रैल को 42 डिसे, 23 अप्रैल को 42.6 डिसे तथा गुरूवार 24 अप्रैल को 42.4 डिसे अधिकतम तापमान दर्ज किया गया है। तापमान को बढ़ता हुए देखते हुए भी दोपहर की पारी में स्कूलों के समय परिवर्तन को लेकर शिक्षा विभाग के अधिकारी ने कोई प्रयास नहीं किए है। चर्चा करने पर इस मामले में जिला स्तरीय वरिष्ठ अधिकारियों को पास कोई जबाव नहीं है।
पुस्तक मेले का नहीं हुआ आयोजन
जिले में शैक्षणिक सत्र 01 अप्रैल से प्रारंभ हो गया है जहां गत वर्ष पुस्तक मेला देरी से आयोजित किया गया था यह बात कही गई थी अगले वर्ष समय से पूर्व पुस्तक मेले का आयोजन कराया जाएगा ताकि अभिभावकों को निर्धारित उचित दरों पर पुस्तके मिल सके और विद्यार्थी अध्यापन कर सकें। वहीं इस बार भी शिक्षा विभाग की लापरवाही सामने आयी है जहां शैक्षणिक सत्र प्रारंभ हुए 25 दिन बीत चुके है लेकिन पुस्तक मेले का आयोजन नहीं किया गया। इन परिस्थितियों में अभिभावकों ने निजी स्कूलों द्वारा निर्धारित की गई मनमानी दरों पर अपने बच्चों के लिए पुस्तकें तय दुकानों से खरीदी है। जबकि आसपास के जिलों में पुस्तक मेलों का आयोजन कर अभिभावकों को राहत दिलायी गई है वहीं सिवनी का प्रशासन इस ओर कोई ठोस कार्यवाही नहीं कर सका है। वही इस मामले में अधिकारियों से बात की गई तो कहा गया कि इस संबंध में कहा कि नो कमेंट।
