- वर्षों बाद मिली जिले को सुविधा
सिवनी 11 मार्च 2021 (लोकवाणी)।
पूर्व प्रधानमंत्री स्व. अटल बिहारी वाजपेयी द्वारा सभी राष्ट्रीय राजमार्गों को फोरलेन में तब्दील करने हेतु योजना आरंभ की गई थी, जिसके अंतर्गत दक्षिण से उत्तर को जोडऩे वाले वर्षों पुराने एनएच-7 मार्ग को भी शामिल किया गया था, लेकिन वर्ष 2008 के दौरान मोहगांव से खवासा के मध्य कुरई घाटी के 3.4 किलोमीटर क्षेत्र में तथाकथित एनजीओ द्वारा सुप्रीम कोर्ट में इस मामले को उलझा कर रख दिया गया, यहां तक की वन्य जीवों की सुरक्षा एवं पर्यावरण को लेकर भी तमाम आपत्तियां लगायी गई, जिसके कारण इस क्षेत्र में सड़क का निर्माण पूर्ण ही नहीं हो पाया, जबकि 2008-09 के दौरान ही जबलपुर-सिवनी-नागपुर के मध्य फोरलेन निर्माण का कार्य पूर्ण हो जाना था।
इस मामले पर जिले के जागरूक नागरिकों को षडय़ंत्र को भापते हुये जनमंच का निर्माण किया गया, जिसके बैनर तले लगातार आंदोलन किये गये, जहां केंद्र एवं राज्य सरकार से इस मार्ग को पूर्ण करने की मांग की जाती रही। वर्ष 2019 की 21 अगस्त को सिवनी जिले के साथ जबलपुर जिले बरगी एवं नागपुर के कन्हान जिले के नागरिकों ने मिलकर व्यापक बंद का आव्हान किया था, इस दौरान स्वेच्छा से दिन भर प्रतिष्ठान बंद रहे और जिले की आम जनता ने स्पष्ट कर दिया था कि अब सिवनी षडय़ंत्र को सहन नहीं करेगा।
आंदोलन के बाद भी तात्कालीन केंद्र सरकार में पदस्थ पर्यावरण मंत्रालय द्वारा सड़क परिवहन विभाग को कुरई घाटी के विवादित क्षेत्र में फोरलेन निर्माण के लिये कोई मंजूरी प्रदान नहीं की गई, यहां तक की मंत्रालय स्तर पर भी कार्य रोकने के लिये जमकर षडय़ंत्र हुआ और स्थिति यह बन गई कि सुप्रीम कोर्ट की साधिकार समिति ने वन्य जीवों की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुये सिवनी से खवासा के मध्य सड़क को भारी वाहनों के आवागमन के लिये पूर्णत: प्रतिबंधित करने का निर्देश दिया, वहीं इस दौरान स्पष्ट किया गया था कि सुबह 6 बजे से लेकर शाम 6 बजे तक ही हल्के वाहन इस मार्ग से होकर गुजरेंगे।
दो वर्ष की उठा-पटक के बाद माननीय न्यायालय का निर्णय आया और इसी दौरान केंद्र में एनडीए सरकार पदस्थ हुई, जहां तात्कालीन केंद्रीय परिवहन मंत्री प्रकाश जावड़ेकर द्वारा आधा सैंकड़ा से अधिक ऐसी सड़क परियोजनाओं को मंजूरी दे दी थी,जहां पर्यावरण एवं वन्य जीवों से संबंधित आपत्तियां लगाई गई थी। यहां यह बताना आवश्यक है कि विवादित होने के कारण वर्षों तक इस मार्ग की रिपेंरिंग तक का कार्य संभव नहीं हो पाया था, जिससे दुर्घटनाएं बढ़ी और अनेक नागरिकों को अपनी जान गवानी पड़ी थी, हालांकि इस दौरान जनमंच लगातार संघर्ष करता रहा, जहां उन्होंने केंद्र सरकार का ध्यान आकर्षित कराने के लिये विदेशी पर्यटकों को पेंच पार्क में प्रवेश से रोकने हेतु आंदोलन भी किया था, इस दौरान जनमंच से जुड़े नेताओं पर विभिन्न थाना क्षेत्रों में मामले भी दर्ज हुये, लेकिन संघर्ष में जुटे जनमंच के नेताओं ने हार नहीं मानी।
225 दिन बाद आरंभ हुआ फोरलेन पर आवागमन
कुरई घाटी के विवादित मार्ग के 3.4 किलोमीटर क्षेत्र में 950 करोड़ रूपये की लागत से बनाये गये मार्ग को सुरक्षित रूप से पूर्ण करने के लिये एनएचएआई द्वारा वर्ष 2020 के दौरान 30 मई से संभाग आयुक्त की अनुशंसा पर मार्ग में आवागमन को बंद किया गया था, जिसके बाद पहाड़ी क्षेत्र में कार्य आरंभ हो पाया, इस दौरान उत्तर-दक्षिण कारिडोर में शामिल इस मार्ग में भारी और हल्के वाहनों का आवागमन सिवनी, कटंगी एवं छिंदवाड़ा, नागपुर रोड से आरंभ रहा। 10 जनवरी 2021 को सिवनी नागपुर रोड पुन: आरंभ कर दी गई, लेकिन इस दौरान फोरलेन के इस भाग से ही वाहनों को गुजरने की अनुमति दी गई, लेकिन अंतत: विगत दिनों कार्य पूर्ण होने के बाद दोनों और से ट्रेफिक आरंभ हो गया है, जिससे अब सिवनी-नागपुर के मध्य सफर करना आसान हो जायेगा।