सिवनी

प्रभारी मंत्री की नियुक्ति का इंतजार कर रहा है सिवनी

  • राजनीति : कार्यकर्ता परेशान
    सिवनी 11 दिसंबर 2020 (लोकवाणी)।
    प्रदेश की कांगे्रस सरकार को सत्ता से हटाने के बाद भारतीय जनता पार्टी द्वारा विगत दिनों हुये उपचुनावों में जीत हासिल की गई और अब आज की स्थिति में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के पास विधानसभा में पूर्ण बहुमत उपलब्ध है, लेकिन अभी भी प्रदेश के विभिन्न जिलों में प्रभारी मंत्रियों की नियुक्तियां नहीं हो पायी है, इन जिलों में सिवनी भी शामिल है, जहां भाजपा के दो विधायक भले ही विभिन्न समस्याओं को लेकर मुख्यमंत्री तक अपनी आवाज बुलंद कर रहे है, परंतु मंत्रीविहीन जिले में प्रभारी मंत्री की आवश्यकता अब महसूस होने लगी है।
    मार्च-अपै्रल माह से आरंभ हुये कोरोना संकट भी अब धीरे-धीरे समाप्त होने लगा है और प्रदेश के विभिन्न जिलों में विकास कार्यों की शुरूआत हो चुकी है। देखा जाये तो प्रभारी मंत्री की नियुक्ति होना कार्यकर्ताओं के लिये संजीवनी साबित होता है क्योंकि उनकी अनुशंसा के बाद अनेक ऐसे कार्य जिला प्रशासन एवं मंत्रियों द्वारा पूर्ण हो जाते है, जो ना केवल आम जनता की समस्या से जुड़े होते है, बल्कि कार्यकर्ता पार्टी के हित में किये गये कार्यों के एवज में अपने मंसूबे भी पूर्ण कर सकता है।
    कमलनाथ सरकार के दौरान सुखदेव पांसे प्रभारी मंत्री के तौर पर नियुक्त थे और इस दौरान कांगे्रसी पदाधिकारियों व कार्यकर्ताओं द्वारा उनकी मदद से अनेकों कार्य पूर्ण करवाये गये, ऐसे में भाजपा का जमीनी स्तर का कार्यकर्ता अभी भी नियुक्ति का इंतजार कर रहा है, हालांकि शिवराज सरकार के पिछले पांच साल के कार्यकाल में तात्कालीन स्वास्थ्य मंत्री शरद जैन लंबे समय तक सिवनी जिले के प्रभारी मंत्री रहे, परंतु उस दौरान कार्यकर्ताओं तो दूर वरिष्ठ पदाधिकारियों के द्वारा रखी गई समस्याएं भी हल नहीं हो पायी थी, ऐसे में सवाल यह है कि क्या शिवराज सिंह चौहान किसी सक्रिय मंत्री को प्रभारी के तौर पर नियुक्त करते है या फिर रबर स्टाम्प की तरह कोई ऐसा मंत्री जिले का प्रभार ग्रहण करेगा, जो केवल कागजों तक ही सीमित रह जायेगा।
    जिले के आसपास की स्थितियां पर नजर डाली जाये तो महाकौशल क्षेत्र में जबलपुर जैसे महानगर से कोई भी विधायक शिवराज सरकार में मंत्री के तौर पर शामिल नहीं है। हालांकि बालाघाट जिले की परसवाड़ा सीट से निर्वाचित रामकिशोर कांवरे को मंत्रीमंडल में स्थान दिया गया है, लेकिन पद ग्रहण करने के बाद उनकी जिले में सक्रियता ना के बराबर है। राजनैतिक सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार प्रभारी मंत्री के तौर पर जिले में रामकिशोर कांवरे की नियुक्ति लगभग तय है, लेकिन देखा यह है कि क्या वे अपने दायित्वों का पूर्णत: निर्वहन कर पाते है अथवा नहीं क्योंकि पूर्व के अनुभव भाजपा कार्यकर्ताओं के लिये कोई बड़ी उपलब्धि वाले नहीं रहे है।

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