क्षेत्रीय प्रबंधक को दिया नोटिस, मांगा जबाव
सिवनी 14 दिसंबर 2020 (लोकवाणी)। पेंच राष्ट्रीय उद्यान प्रबंधन सिवनी के द्वारा सेवानिवृत्त विभागीय वन कर्मचारियों को पार्क भ्रमण व विश्राम गृह में ठहरने के दौरान छूट दिये जाने का प्रावधान शासन ने कर रखा है, लेकिन ठीक इसके विपरीत पेंच पार्क प्रबंधन कार्य कर रहा है। इसका उदाहरण बीते दिनों देखने में आया जब सेवानिवृत्त डिप्टी रेंजर अलपसिंह सनोडिया अपने परिवार के साथ पार्क भ्रमण में गये और रात्रि विश्राम किया, जहां पार्क प्रबंधन ने कोई छूट देने की बजाय पूरा-पूरा भुगतान उक्त सेवानिवृत्त कर्मचारी से वसूले। इस मामले में डिप्टी रेंजर अलपसिंह सनोडिया ने पेंच राष्ट्रीय उद्यान सिवनी के क्षेत्रीय संचालक सहित अन्य अधिकारियों को अधिवक्ता के माध्यम से नोटिस जारी कर जबाव तलब किया है।
जानकारी के अनुसार मध्यप्रदेश वन विभाग के 150 वर्ष पूरे होने के उपलक्ष्य में मध्यप्रदेश शासन द्वारा 14 फरवरी 20 को वन विभाग के अधिकारियों एवं कर्मचारियों के लिए कुछ विशेष सुविधाओं की घोषणा की गई थी। इसके अनुसार विभाग के सेवारत तथा सेवानिवृत अधिकारियों एवं कर्मचारियों को परिवार, अतिथियों सहित प्रदेश के वन क्षेत्रों में भ्रमण निशुल्क रहेगा। इसके अलावा वन विश्राम गृहों में ठहरने पर एसी रूम 200 रुपये प्रति दिवस, नॉन एसी रूम 100 रुपये प्रति दिवस शुल्क देना होगा।
इन आदेशों के बाद भी पेंच नेशनल पार्क में एक सेवानिवृत्त वन कर्मचारी से न सिर्फ एंट्री फीस ली गई, बल्कि विश्राम गृह में भी पूरा किराया वसूला गया। इसे लेकर उक्त सेवानिवृत्त कर्मचारी ने फील्ड डायरेक्टर को नोटिस भेजा है और हर्जाने की मांग की है।
ज्ञात हो कि रिटायर्ड उपवन क्षेत्रपाल अलपसिंह सनोडिया वन विभाग में अपने सेवाकाल के दौरान उत्कृष्ट कर्मचारी रहे हैं। श्री सनोडिया ने बताया कि वह अपने परिवार के साथ 26 अक्टूबर 20 को पेंच पार्क में घूमने गये थे। वहां उनसे कर्माझिरी रेस्टहाउस के कक्ष क्रमांक 06, 07,08 का शुल्क 1300 रुपये प्रति कमरे के हिसाब से कुल 3900 रुपये लिया गया। उनसे पार्क में घूमने के लिए भी दो गेट पास टिकट के 3100 रुपये लिये गए, जिसकी रसीद भी नहीं दी गई। जबकि विभाग के कर्मचारियों के लिए प्रवेश नि: शुल्क है, उन्होंने पार्क के कर्मचारियों को यह स्पष्ट रूप से बताया था कि वे वन विभाग के रिटायर्ड कर्मचारी हैं, परंतु मुझे निर्धारित शुल्क में कोई रियायत नहीं दी गई। सनोडिया ने बताया कि पार्क प्रबंधन के इस रवैये से मुझे आर्थिक नुकसान तो हुआ ही है, मुझे अपमानित भी होना पड़ा है। जिसकी क्षतिपूर्ति के रूप में मैंने अधिवक्ता के माध्यम से 1 लाख 25 हजार रुपये हर्जाने का नोटिस पार्क के फील्ड डायरेक्टर विक्रमसिंह परिहार को भेजा है।