सिवनी

बिना अनुमति राजस्व भूमि से पत्थर निकालकर पिचिंग कर रही निर्माण एजेंसी

  • मामला ब्रॉडगेज परिवर्तन के निर्माण कार्य का …
    सिवनी 14 दिसंबर 2020 (लोकवाणी)। वृहद स्तर पर चल रहे ब्रॉडगेज परिवर्तन के कार्य में निर्माण एजेंसी मनमाने ढंग से कार्य कर रही है। भोमा से सिवनी के मध्य किये जा रहे कार्य के दौरान अवैध उत्खनन की शिकायतें पूर्व से ही मिलती रही है, वहीं वर्तमान समय में रेल्वे ट्रेक के पिचिंग के कार्य में राजस्व भूमि से पत्थर निकालकर उपयोग किये जाने का मामला सामने आया है। ज्ञात हो कि इस क्षेत्र में रेल्वे विभाग ने निर्माण कार्य के लिये झांझरिया निर्माण एजेंसी को दायित्व सौंपा है और उक्त कंपनी शासन के दिशा निर्देशों को दरकिनार कर कार्य कर रही है।
    अवैध उत्खनन व बिना अनुमति पहाड़ों से निकाले जा रहे पत्थरों के मामले में खनिज विभाग की लापरवाहियां सामने आई है। ज्ञात हो कि पूर्व में भी अवैध उत्खनन कर मुरम निकालने के मामले सार्वजनिक हुये थे, जहां खनिज विभाग ने कार्यवाही करने की बजाय अवैध उत्खनन करने वाली एजेंसी को संरक्षण दे दिया और बिना डर के कई पहाड़ गायब हो गये, जहां से मुरम निकाला जाकर रेल्वे ट्रेक निर्माण में उपयोग किया गया है।
    सिवनी से भोमा के मध्य देखा गया कि कई पहाड़ रेल्वे टे्रक निर्माण के दौरान गायब है, वहीं वर्तमान समय में टे्रक की पिचिंग का कार्य कर चल रहा है, जहां नगारखाना के समीप लगाये जाने वाले पत्थर राजस्व भूमि से निकाले गये है, इस मामले में ना ही राजस्व विभाग के अधिकारी कोई कदम उठा रहे है और ना ही निष्क्रियता का परिचायक बना खनिज विभाग। इन परिस्थितियों में निर्माण एजेंसी झांझरिया निर्माण कंपनी के हौसले बुलंद है और लगातार नियमों को तांक में रख अवैध उत्खनन करती चली जा रही है। वरिष्ठ अधिकारियों की माने तो रेल्वे ट्रेक निर्माण कार्य के दौरान मुरम या पत्थर इत्यादि के खनन के लिये शासन से अनुमति लेना आवश्यक है, लेकिन निर्माण एजेंसी जिस तरह से कार्य कर रही है, उससे लगता है कि शासन के जारी निर्देश कागजों तक ही सीमित है।
    ये क्या कहते है
    रेल्वे की भूमि से पत्थरों की खुदाई कर पिचिंग की जा सकती है, यदि राजस्व की भूमि से पत्थर लिये जा रहे है तो मैं कनिष्ठ अधिकारियों को आदेश देकर स्थल निरीक्षण के निर्देश दूंगा।
    मनीष लावनकर
    उपमुख्य अभियंता, एमईसीआर, छिंदवाड़ा
    पुल निर्माण का कार्य जारी है, जिसके समीप पिचिंग हेतु पत्थर का उपयोग किया जा रहा है, अधिकत्तर सामग्री रेल्वे की भूमि से निर्माण एजेंसी उपयोग कर रही है, कुछ पत्थर राजस्व की भूमि से भी लिये जा रहे है।
    सिंद्धार्थ पटेल
    प्रोजेक्ट इंचार्ज, झांझरिया निर्माण कंपनी

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