सिवनी (लोकवाणी) 25 मई 2024। जिले की रेत खदानों के संचालन के लिए मध्यप्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की अनुमति आवश्यक है। जिले में कुल 11 रेत खदानें स्वीकृत है तथा अभी तक रेत खदानों को लेकर तीन जनसुनवाई पूर्व में आयोजित की जा चुकी है। मध्यप्रदेश प्रदूषण बोर्ड के अधिकारियों के अनुसार सिवनी जिले की 04 खदानों को पूर्व में ही पर्यावरणीय अनुमति दी जा चुकी है। जानकारी के अनुसार रेत ठेकेदार द्वारा बागडोंगरी सहित अन्य रेत खदानों को प्रांरभ करने के लिए मध्यप्रदेश प्रदूषण बोर्ड भोपाल के समक्ष आवेदन प्रस्तुत किया गया था जिसके बाद 24 व 25 मई को सिवनी जिले में तीन खदानों के लिए जनसुनवाई का आयोजन किया गया। इस दौरान मध्यप्रदेश प्रदूषण बोर्ड, खनिज कार्पाेरेशन लिमिटेड जबलपुर, खनिज विभाग सिवनी सहित अनेक अधिकारी भी उपस्थित रहे।
ज्ञात हो सिवनी जिले में गत वर्ष 2023-24 में बालाघाट के राजेश पाठक को रेत का ठेका मिला था, इस बार भी वर्ष 2024-25 के लिए इसी फर्म को रेत खनन का ठेका दिया गया है। पिछले दो दिनों में तीन रेत खदानों को पर्यावरणीय अनुमति प्रदान किए जाने हेतु जनसुनवाई का आयोजन किया गया, जहां बागडोंगरी (केवलारी) रेत खदान में अनेक आपत्तियां दर्ज हुई है, वही बरघाट क्षेत्र की रेत खदानों गोरखपुर-अतरी व खामी-छपारा-अतरी के लिए लोगों ने सहमति दर्ज करायी है।
वाक्स………….
आपत्तियों के बाद हो सकता है अनुमति में अडंगा
केवलारी विकासखंड में घनई नदी की बागडोंगरी-देवगांव रेत खदान में गत 24 मई को एमपी स्टेट माईनिंग कार्पाेरेशन लिमिटेड द्वारा पर्यावरणीय स्वीकृति दिए जाने के संबंध में लोक जनसुनवाई का आयोजन किया गया, जहां आमजनों की ओर से रेत खदान बागडोंगरी (खसरा नंबर 265 एव 1 रकबा 5 हेक्टेयर, मात्रा प्रति वर्ष 30 हजार घन मीटर) को लेकर सहमति से ज्यादा असहमति दर्ज करायी गई है। इसकी रिपोर्ट उपस्थित प्रदूषण बोर्ड के अधिकारी शासन को सौंपेगे। बताया जा रहा है कि लोगों की असहमति के बाद बागडोंगरी रेत खदान को पर्यावरण प्रदूषण बोर्ड से अनुमति नहीं मिल पायेगी।
वाक्स……………
शनिवार को दो स्थानों पर हुई लोक सुनवाई
जानकारी के अनुसार आज 25 मई को जिले के बरघाट विकासखंड अंतर्गत दो रेत खदान गोरखपुर-अतरी के लिए प्रातः 11 बजे से व खामी-छपारा-अतरी के लिए दोपहर 02 बजे से जनसुनवाई खदान परिसर के समीप आयोजित की गई। गोरखपुर-अतरी रेत खदान (खसरा नंबर 518 एवं 1, रकबा 5 हेक्टेयर, मात्रा प्रति वर्ष 15 हजार घनमीटर) व खामी-छपारा- अतरी ( खसरा नंबर 108.1 व 1, रकबा 4 हेक्टेयर, मात्रा प्रतिवर्ष 6 हजार घन मीटर) से रेत निकाले जाने के लिए रेत ठेकेदार को अभी तक पर्यावरण विभाग से अनुमति नहीं मिल पायी थी। वहीं लोक जनसुनवाई के माध्यम से आमजनों की सहमति मिली। इसके बाद इन दोनों खदानों के शीघ्र प्रांरभ होने के रास्ते साफ हो गए।
वाक्स………….
बागडोंगरी में ग्रामीणों ने दर्ज कारायी आपत्ति
ग्राम पंचायत बागडोंगरी सहित ग्रामीणों द्वारा रेत खदान को लेकर आपत्ति दर्ज करायी है जिसमें कहा गया है कि पूर्व में ठेकेदार ने मेन रोड से देवगांव आने-जाने वाला मार्ग को रेत परिहवन कर पूरी तरह से खराब कर दिया है, जिसे सुधारा नहीं गया है। वहीं शांतिधाम बागडोंगरी में लगभग 20 लाख रूपये की लागत से कार्य कराये गए थे जहां किनारे से कटाव हो चुका है जिसे आज दिनांक तक नहीं सुधारा गया। ग्राम परसाटोला मार्ग भी पूरी तरह से कट गया है जहां बिजली के पोल व तार नीचे गिरे हुए है। नदी किनारे की जमीन पूरी तरह से कट चुकी है तथा क्षेत्र का जल स्तर भी नीचे जा चुका है, जिससे पीने के पानी समस्या भी बनी हुई है। घनई नदी में बड़ी-बड़ी पोकलेन मशीनें उतारा जाकर रेत का खनन किया जाता है तो आवाज सुनकर हिंसक वन्य प्राणी गांव में प्रवेश कर जाते है जिससे खतरा बना रहता है। पूर्व में भी रेत ठेकेदार को पर्यावरणीय अनुमति मिली थी लेकिन ठेकेदार ने वृक्षारोपण का कार्य नहीं कराया है। इन परिस्थितियों में बागडोंगरी की रेत खदान निरस्त किए जाने की मांग ग्रामीणों ने की है।
ये क्या कहते है
केवलारी क्षेत्र की बागडोंगरी में आमजनों ने बहुत सारी आपत्तियां मौखिक व लिखित रूप से दर्ज करायी है। इसमें सामान्य तौर पर होने वाली शिकायतें जैसे एप्रोच रोड़, वृक्षारोपण से संबंधित शामिल है। प्राप्त आपत्तियों को हमारे द्वारा शासन को भेजा जाएगा।
अजय खरे (एससीआई)
प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड मध्यप्रदेश
बागडोंगरी रेत खदान के लिए पर्यावरणीय अनुमति प्रदान करने के लिए शुक्रवार को लोक जनसुनवाई में आमजनों की सहमति से ज्यादा असहमति दर्ज करायी गई है। वही शनिवार को बरघाट क्षेत्र की दो खदानों की सुनवाई में लोगों ने सहमति दर्ज करायी है जो भी आपत्तियां सामने आई उनका जगह पर ही निराकरण किया गया।
जितेन्द्र चंदेल, कनिष्ठ प्रबंधक (फील्ड)
म.प्र. स्टेट माईनिंग कार्पाे. लिमि., जबलपुर