सिवनी/केवलारी। गायत्री परिवार केवलारी द्वारा गत 13 जुलाई से प्राकृति के पांच तत्वों से किये जाने वाले उपचार शिविर का समापन गत दिवस 18 जुलाई को किया गया। जहां केवलारी के विशेष गणमान्य नागरिकों , आमंत्रित अतिथियों की गरिमामयी उपस्थिति रही। उक्त कार्यक्रम का शुभारंभ महामंत्र गायत्री मंत्र के दिव्य सामूहिक नाद के साथ एवं चिकित्सा विशेषज्ञ व अतिथियों द्वारा देव पूजन कर किया गया।
बताया गया कि आज की मानव जीवन शैली ऐसी हो गई है कि प्रत्येक व्यक्ति किसी न किसी शारीरिक मानसिक, रोग, दर्द या दुःख से पीड़ित है। वह हर संभव प्रयास करता है कि उसे इसका स्थाई सस्ता एवं सुलभ उपाय मिल जाये। आज एलोपैथी से तत्काल समाधान तो मिलता है लेकिन साइड इफ़ेक्ट के रूप में 5 और बीमारियों की चपेट में आ जाता है। ऐसे में प्रकृति ही इसका एक मात्र स्थाई, सटीक और सर्वशुलभ उपाय है, जो हमारे ऋषियों की महती खोज है।
डॉ. जितेंद्र सिंह प्रज्ञेय ने बताया कि आज बड़े बड़े शहरों, दिल्ली, हरिद्वार ,बैंगलोर, लखनऊ या केरल आदि में यह चिकित्सा उपलब्ध तो है किंतु यह व्यवसायीकरण से बहुत महंगी और स्थान विशेष पर ही मिलती है, जिससे समाज के आर्थिक रूप से पिछड़ा समाज तक नही पहुंच पाती। ऐसे में गायत्री परिवार के स्वास्थ्य आंदोलन के अंर्तगत समाज के अंतिम पायदान के व्यक्ति को भी स्वास्थ्य रहने का पूरा अधिकार है। इस हेतु पूरे भारत में शक्तिपीठों एवं सामुदायिक भवनों में यह प्राकृतिक उपचार एवं आहार शिविर के आयोजन किया जाता है। इसी तारतम्य में सिवनी जिले के केवलारी में भी गायत्री परिवार द्वारा 5 दिवसीय शिविर का आयोजन गायत्री शक्तिपीठ में किया गया। जिसमें 61 शिविरार्थियों ने प्रशिक्षण प्राप्त किया।
उपचार के रूप में योग, ध्यान, स्टीम थैरेपी, हॉट फूट बाथ, औषधि एनिमा, हॉट वाटर बेग थेरेपी, मिट्टी पट्टी, अमृत पेय, गर्म ठंडी पट्टी, फुट पेच, नस्य थेरेपी, कुंजल, जल नैती, रबार नैती, कटी स्नान, ठंडा, गरम , धूप स्नान, मढ थैरेपी, आहार चिकित्सा, एक्यूप्रेशर चिकित्सा, और थॉट थैरेपी व्हॉट्स, मालिश, विशेष गरोगों हेतु विशेष प्रयोग, आदि का उपचार एवं प्रशिक्षण प्रदान किया गया। इस शिविर के सफलता पूर्वक सम्पन्न होने पर श्री सुरेन्द्र साहू द्वारा सभी सहयोगी गणेश लाल झारिया (गायत्री पतंजलि योग), घेवरचंद अवधिया, बालगिविंद पाठक, संतोष नागोत्रा, डॉ जितेंद सिंह प्रज्ञेय का सहयोग सराहनीय रहा ।
