सिवनी। चिकित्सा विभाग की टीम ने बाढ़ में फंसी रही वही चिकित्सक के मार्गदर्शन में गावं की ही प्रशिक्षित दाई ने हाईरिस्क गर्भवती महिला रवीना बंशी लाल उइके का सुरक्षित प्रसव कराया गया।
मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. जयपाल सिंह ठाकुर ने बताया कि ग्राम जोरावाडी की आशा कार्यकर्ता एक प्रसव केस लेकर जिला चिकित्सालय आई थी, उसके द्वारा जिला स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. मनीषा सिरसाम मेडम को फोन द्वारा सूचना दी गयी कि ग्राम जोरावाडी में एक गर्भवती महिला रवीना बंशी लाल उइके का प्रसव होना है, उसे भी मेरे द्वारा जिला चिकित्सालय आने को कहा गया किंतु वह महिला नहीं आई, वह महिला हाईरिस्क है। इस सूचना पर डॉ. मनीषा सिरसाम के द्वारा मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी से चर्चा की गई वहीं बाढ में फंसी हाईरिस्क गर्भवती महिला रवीना बंशी लाल उइके के संबंध में कलेक्टर का फोन मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी के पास फोन आया और कहा गया कि तत्काल चिकित्सा टीम जोरावाडी भेजें व उस महिला का सुरक्षित प्रसव करायें।
बताया गया कि 23 जुलाई की रात में नाले में बाढ होने के कारण चिकित्सा विभाग की टीम के साथ एसडीआरएफ टीम को भेजा गया तथा जिला स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. मनीषा सिरसाम, मेंटर कविता वाहने, नर्सिग सुनीता यादव एवं आशा कार्यकर्ता कामता मरावी रवाना हुई। टीम गांव के समीप पहुंच चुकी थी लेकिन नाले में बाढ का पानी अधिक होने के कारण एसडीआरएफ टीम ने सभी को नाला पार कराने में असमर्थ रही। ऐसी स्थिति मे जिला स्वास्थ्य अधिकारी डॉ मनीषा सिरसाम के द्वारा आशा कार्यकर्त्ता के पति से फोन पर बात की तथा उन्हे कहा कि तत्काल ग्राम की प्रशिक्षित दाई को तत्काल गर्भवती महिला रवीना बंशी लाल उइके के घर लेकर जायें व दाई से फोन पर बात कराये। डॉ. मनीषा सिरसाम से बात दाई की करायी गई और चिकित्सक के मार्गदर्शन मे दाई के द्वारा महिला का सुरक्षित जुडवा प्रसव कराया गया। महिला का प्रसव कराते तक जिले की टीम नाले के पास रूकी रही व दाई को मार्गदर्शन देती रही।
बताया गया कि उस महिला का समय से पूर्व प्रसव होने के कारण दोनों बच्चे कमजोर थे, ऐसी स्थिति में दोनो बच्चों को घर में रखना उचित नहीं होने के कारण बाढ कम होने पर 108 वाहन द्वारा जिला चिकित्सालय में भर्ती कराया गया। मां व बच्चे दोनो स्वस्थ्य है।