सिवनी

नवीन जलावर्धन योजना : नगर पालिका नहीं कर रही 1.25 करोड़ का भुगतान

  • दो माह से कर्मचारियों को नहीं मिला वेतन
  • एजेंसी के पास 5 दिनों का एलम व ब्लीचिंग
    सिवनी 01 अपै्रल 2021 (लोकवाणी)। नगर पालिका क्षेत्र अंतर्गत 24 वार्डांे में पेयजल वितरण हेतु तात्कालीन कलेक्टर प्रवीण सिंह अढायच ने 1 अपै्रल 2019 को शहर की नवनिर्मित टंकियों को भरने का कार्य नवीन जलावर्धन योजना के तहत प्रारंभ कराया था। तात्कालीन कलेक्टर के निर्देश पर यूआईडीएसएसएमटी नवीन जलावर्धन योजना के तहत ऑपरेशन व मेंटनेंस का कार्य दो वर्ष पूर्व प्रारंभ कर दिया गया था, तब से लेकर अब तक नगर पालिका परिषद सिवनी ने ऑपरेशन व मेंटनेंस के नाम पर कोई भुगतान एजेंसी लक्ष्मी सिविल सर्विस इंटरप्राईजेस कंपनी को नहीं किया। जानकारी के अनुसार वर्ष 2019-20 व 2020-21 की लंबित राशि 1.25 करोड़ रूपये के बिल नगर पालिका परिषद सिवनी में लगाये गये है, लेकिन विभागीय अधिकारी भुगतान करने के मामले में कोई रूचि नहीं ले रहे। बताया जा रहा है कि नवीन जलावर्धन योजना के तहत तय एजेंसी आर्थिक संकट से जूझ रही है, जहां 22 कर्मचारियों को पिछले दो माह से मानदेय नहीं दे पाई है।
    ज्ञात हो कि नगर पालिका परिषद सिवनी नवीन जलावर्धन योजना के तहत एजेंसी पर यह आरोप लगा रही है कि 24 वार्डों में नल कनेक्शन के कार्य पूर्ण नहीं हुये है तथा पानी अपनी योजना से एजेंसी घरों-घर तक नहीं पहुंचा पाई है। सर्वविदित है कि वर्ष 2019 में शहर के पेयजल संकट को देखते हुये तात्कालीन कलेक्टर के निर्देश पर एजेंसी ने शहर की सभी टंकियां भरकर पेयजल वितरण की व्यवस्था बनायी थी, जहां नगर पालिका ने नवीन योजना से पुरानी लाईनों को जोड़कर पानी वितरण कराया। इस दौरान समय से पूर्व ही एजेंसी लक्ष्मी सिविल सर्विस इंटरप्राईजेस ने ऑपरेशन व मेंटनेंस का कार्य भी प्रारंभ कर दिया था, हालांकि इस कार्य को नगर पालिका पार्ट-2 मानकर कार्य कर रही है, जिसके कारण ऑपरेशन व मेंटनेंस के भुगतान में अधिकारी ने अड़ंगे लगा रखे है। अधिकारियों की इस तरह की कार्यप्रणाली से नवीन जलावर्धन योजना प्रभावित होने के साथ-साथ आर्थिक संकट से जूझ रही है, जहां कंपनी के पास अब कर्मचारियों को भुगतान करने के लिये फंड तक उपलब्ध नहीं है।
    5 दिनों का शेष है एलम व ब्लीचिंग
    नवीन जलावर्धन योजना के तहत पिछले दो वर्षों से सिवनी शहर की जलापूर्ति की जा रही है। जानकारी के अनुसार एजेंसी लक्ष्मी सिविल सर्विस इंटरप्राईजेस ने नगर पालिका सिवनी को पत्र लिखा है कि ऑपरेशन में लगने वाले केमिकल्स का भुगतान संबंधित फर्म को नहीं किया जा सका है, क्योंकि नगर पालिका ने भुगतान नहीं किया है। वर्तमान समय में 5 अपै्रल 2021 तक पेयजल वितरण हेतु एजेंसी के पास एलम व ब्लीचिंग उपलब्ध है, इसके बाद एजेंसी भी अपने हाथ खड़े कर देगी। वस्तु स्थिति से सिवनी कलेक्टर व सीएमओ नगर पालिका को अवगत कराया जा चुका है।
    पुरानी लाईनों से दूषित पानी की हो रही सप्लायी
    नवीन जलावर्धन योजना से नगर पालिका परिषद सिवनी ने अपनी क्षतिग्रस्त टूटी-फूटी लाईनों को जोड़कर घरों-घर पीने का पानी पहुंचाने के लिये व्यवस्था बनायी है। ज्ञात हो कि शहर की पेयजल टंकियों तक नवीन जलावर्धन योजना से पानी सप्लायी तो होता है, लेकिन वार्डों में नगर पालिका सिवनी द्वारा संचालित पुरानी पेयजल वितरण लाईनों से पानी सप्लायी किया जा रहा है, जो कि घरों तक दूषित अवस्था में पहुंच रहा है। नगर पालिका परिषद नवीन जलावर्धन योजना से पुरानी लाईनों को अलग करना ही नहीं चाहती, जिसके परिणाम स्वरूप नवीन जलावर्धन योजना के तहत घरों-घर किये गये नल कनेक्शनों के माध्यम से पानी नहीं पहुंच पा रहा है। यहां पर नगर पालिका की कमियां सामने आई है, जहां दूषित पानी पुरानी क्षतिग्रस्त पेयजल वितरण लाईनों से आमजनों तक पहुंच रहा है।
    8425 कनेक्शन कर चुकी है एजेंसी
    जानकारी के अनुसार नवीन जलावर्धन योजना के तहत सिवनी शहर में 10 हजार 700 नल कनेक्शन 24 वार्डों में किये जाने थे, इसमें से निर्माण एजेंसी लक्ष्मी सिविल सर्विस इंटरप्राईजेस ने 8425 नल कनेक्शन नगर पालिका सिवनी द्वारा प्रदाय की गई सूची अनुसार कर दिये है तथा 2325 कनेक्शन अभी होना बाकी है। बताया जा रहा है कि 2325 उपभोक्ता वे है जो कि समय पर जलकर भी नहीं भरते है और ना ही नवीन जलावर्धन योजना से नल कनेक्शन कराने में रूचि ले रहे है। इन परिस्थितियों में एजेंसी शत-प्रतिशत नल कनेक्शन नहीं कर पा रही है। सूत्रों के अनुसार नगर पालिका प्रशासन ने नये कनेक्शन ना लेने वाले उपभोक्ताओं के संबंध में आज दिनांक तक कोई ठोस कदम नहीं उठाये है। देखा जाये तो नवीन जलावर्धन योजना के कुशल क्रियान्वयन में नगर पालिका की कार्यप्रणालियां ही बाधक बनकर सामने आई है क्योंकि ना ही नगर पालिका के अधिकारी पूर्णत: कनेक्शन कराने में रूचि ले रहे, ना ही एजेंसी को भुगतान कर रहे है, इतना ही नहीं नवीन योजना से पुरानी पाईपलाईन को जोड़कर दूषित पानी सप्लायी के लिये नपा दोषी भी है।

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