क्रूरतारू यू नोची जाती है खाल बेजुवानों की………………………
– सूर्यप्रकाश विश्वकर्मा –
सिवनी 05 मई 2025 (लोकवाणी)। वैसे तो पशुओं की हत्या करना क्रूरता भरा काम है, पर स्वार्थ और लालच में अंधे लोग मूूक पशुओं खासकर गौवंश को अपनी जरूरतें पूरी करने के लिए एक ऐसी मौत देते हैं कि मानवता शर्मसार हो उठती है और गाय को विकृत दानवीय प्रवृति के लोग मौत के घाट उतार देते है। विश्वास ही नहीं होता कि यह सब करने वाले भी मनुष्य ही हैं। ऐसा ही कुछ वर्तमान में हो रहा है जहां गौवंशों को जहां-तहां से खरीदकर एनएच 44 से होते हुए नागपुर की ओर कत्लखाने ले जाया जाता है और गौवंशों को मौत के घाट उतारा जाता है। इस मामले में यह बात सामने आयी है कि यूपी व विहार से तो गौवंश परिवहन कर नागपुर की ओर ले जाये जाते है इसके आलावा भी दर्ज प्रकरणों के अनुसार मध्यप्रदेश के सागर, दमोह व नरसिंगपुर से भी गौवंश कत्लखाने ले जाये जाते है।
यह सब हमारे भारत की धरती पर होता है वह भी एक दो जगह नहीं हजारों कत्लखानों में गौंवंश पहुंचाये जाते है। अभी तक तो यह बात सार्वजनिक हुई कि नागपुर की ओर कत्लखाने ले जाये जाने वाले गौवंश एनएच 47 सड़क मार्ग से परिवहन किए जाते है। इस मामले में सिवनी जिले की पुलिस सक्रिय है जहां अनेक थाना क्षेत्रों को पार कर जब सिवनी जिले की सीमा में गौवंश परिवहन करते हुए वाहन पकड़े जाते है। इस बात से इंकार नहीं किया जा सकता है कि सिवनी जिले के कुछ स्थानों से भी गौवंश कत्लखाने ले जाये जाते है इसकी पुष्टि जिले में दर्ज प्रकरण करते हैै।
गौवंश का परिवहन कर कत्लखानों तक ले जाये जाने के दौरान कई पशु वाहनों में ही मृत हो जाते है अधिकतर यह देखा गया है कि क्ररता पूर्वक गौवंशों को वाहनों में भरकर परिवहन किया जाता है, जहां कई पशु बुरी तरह घायल और अपंग हो जाते हैं। भूखे-प्यासे पशु लाचार होकर वाहनों के अंदर ही गिर पड़े होते है। जानकारों की माने तो वर्तमान में ऐसे लगभग 10 हजार यांत्रिक और 40 हजार से अधिक कत्लखाने पूरे भारत में है, जिनमें प्रतिदिन लगभग लाखों पशु मौत के घाट उतारे जाते हैं। आर्थिक लाभ कमाने की दृष्टि से गौवंश की हत्या का पाप लगातार हो रहा है।
पुलिस विभाग से मिली जानकारी के अनुसार सिवनी जिले में बीते एक वर्ष में कुल 138 प्रकरण गौवंश परिवहन, पशु क्रूरता अधिनियम, पशु सुरक्षा अधिनियम के तहत दर्ज किए गए है तथा पुलिस ने कार्यवाही करते हएु 316 आरोपियों को गिरफ्तार भी किया है। इस अंतराल में 1681 गौवंश ( गाय, बैल, नाटा) तथा 319 बोदा, भैस बरामद किए गए है। वहीं गौवंश को काटे जाने के बाद पुलिस विभाग ने एक वर्ष में 25 टन, 08 क्विटंल, 07 किलो 800 ग्राम मांस भी बरामद कर कार्यवाही की है। इस अपराध में 91 छोटे बड़े वाहनों के विरूद्ध भी कार्यवाही की है तथा 57 वाहनों को राजसात किया जा चुका है।
देखा जाये तो गौंवश परिवहन के मामले में आसपास के जिलों की आपेक्षा सिवनी जिले में सबसे ज्यादा मामले दर्ज होते चले आ रहे है। एनएच 47 में स्थित धूमा, लखनादौन, छपारा, सिवनी, गोपालगंज, कुरई थाना क्षेत्रों में सबसे ज्यादा कार्यवाही होती है। वही मंडला की ओर जाने वाले मार्ग में पुलिस की आखों में धूल झोंककर गौवंश तस्कर नागपुर की ओर जाने का प्रयास करते है। ये सारी खबर प्रशासन को है और लगातार कार्यवाहियां भी हो रही है। पुलिस विभाग की माने तो गौवंश परिवहन व पशु तस्करी के मामले में अमला सक्रिया है जिसके कारण मध्यप्रदेश में सबसे ज्यादा मामले दर्ज होते है। यह व्यापार प्रदेश भाजपा सरकार हो नहीं वरन् केन्द्र में पैठी सरकार के समक्ष भी बहुत बड़ी चुनौती है। पशु क्रूरता अधिनियम, पशु सुरक्षा अधिनियम का निर्माण कर परिपालन के शिवाय सरकारी नुमाइंदे तैनात है। फिर भी गौवंशों का परिवहन थम नहीं रहा है और गौवंशों तस्कर सक्रियता के परिचायक बन कर पशुओं को कत्लखाने पहुंचाने का हर संभव प्रयास में जुटे होते है।
सिवनी जिले में हुई कार्यवाहियां (01.04.2024 से 31.03.2025 तक)
कुल दर्ज प्रकरण- 138
कुल आरोपियों की संख्या – 316
जब्त गौंवश गाय, बैल, नाटा की संख्या – 1681
जब्त बोदा/भैंस की संख्या – 319
जब्त गौवंश की मात्रा – 25 टन, 08 क्विटंल, 07 किलो 800 ग्राम
जब्त छोटे-बड़े वाहन- 91 वाहन
राजसात वाहनों की संख्या – 57
जब्त मोटर साईकिलों की संख्या – 11
ये क्या कहते है………………………………
अन्य जिलों से होकर गौवंश परिवहन कर सिवनी से होते हुए जाते है। हमारे जिले की पुलिस सक्रिय है इसलिए सबसे अधिक मामले गौवंश परिवहन, पशुक्रूरता अधिनियम व पशु सुरक्षा अधिनियम के तहत दर्ज होते है। वहीं दर्ज प्रकरणों में गौवंश परिवहन में उपयोग किए गए वाहनों के राजसात किए जाने की कार्यवाही भी की जा रही है।
सुनील कुमार मेहता
पुलिस अधीक्षक सिवनी