मध्य प्रदेश सिवनी

कोरोना कर्फ्यू :  आबकारी विभाग के अधिकारियों ने शराब दुकानें नहीं की सील

कोरोना कर्फ्यू :  शराब दुकानें नहीं की शील

सिवनी 28 मई 2021 (लोकवाणी)। जिले में कोरोना कर्फ्यू के कारण लगभग 50 दिन से बंद है, फिर भी आबकारी विभाग सिवनी में पदस्थ आबकारी उप निरीक्षक शराब दुकानें सील करने की फुर्सत नही मिली , जबकि विभाग के डिप्टी कमिश्नर जबलपुर से दो बार खुद सिवनी आकर अधिकारियों को डांट फटकार लगाकर गए हैं। इस बीच शराब दुकान के ठेकेदार धड़ल्ले से कलेक्टर द्वारा जारी शुष्क दिवस के आदेश को ठेंगा दिखाकर दुकाने सील न होने के कारण शराब निकाल निकाल कर बेच डाले ।
सूत्रों के हवाले से जानकारी मिली है कि आबकारी विभाग के उत्तर वृत्त की बरघाट , धारना , बेहरई , पिंडरई , मलारा, भोमा , कान्हीवाड़ा , छुई , ऊगली , सरेखा , पांडिया छपारा स्थित शराब दुकानें खाली हो चुकी है और दुकान में 90 प्रतिशत से अधिक शराब निकालकर बेची जा चुकी है ।
ज्ञात हो कि जब कोरोना कर्फ्यू के कारण कलेक्टर सिवनी द्वारा ड्राई डे आदेश जारी किया गया था, तब सभी शराब दुकानों के उस समय तक के स्टॉक का सत्यापन करके पंचनामा बनाकर विधिवत शराब दुकानें सील किया जाना था , लेकि आबकारी विभाग के अधिकारियों  को इतनी फुर्सत कहाँ थी कि उस समय दुकानो का स्टॉक लेकर , पंचनामा बनाकर विधिवत दुकानें सील करती । यदि वे ऐसा करती तो शराब ठेकेदार दुकान से शराब निकाल निकाल कर अवैध रूप से कैसे बेच पाते । सिवनी में भी इस गोरखधंधे में शराब ठेकेदारों ने जमकर कमाई की और शासन को राजस्व का भारी चूना लगाया ।
 यह भी उल्लेखनीय है की कोरोना कर्फ्यू के दौरान जितने भी दिन शराब दुकानें बंद रही है उतने दिनों की लायसेंस फीस शासन ने माफ कर दिया है अर्थात उस अवधि की लायसेंस फीस ठेकेदारों को नही देना है जबकि ठेकेदारों ने दुकान से शराब निकाल निकाल कर शराब बेच दिए और शासन को राजस्व का भारी चूना लगा दिया । इस दौरान वृत की प्रभारी अधिकारी आँखे मूँद कर चिर निद्रा में सोते रहे।  इस सांठगांठ के पीछे किस किस की क्या क्या भूमिका रही यह वरिष्ठ अधिकारियों के जाँच का विषय है।
कलेक्टर सिवनी को तत्काल ड्राई डे घोषित होने वाले दिन का स्टॉक पंचनामा तलब कर वर्तमान में दुकान में रखे स्टॉक का मिलान करवाना चाहिए और यदि दुकान में स्टॉक कम पाया जाता है तो ठेकेदार और दुकान के प्रभारी अधिकारी के विरुद्ध एफआईआर कराकर उनके विरुद्ध दंडात्मक कार्यवाही करना चाहिए। यदि दुकान के प्रभारी अधिकारी द्वारा ड्राई डे लागू होने के दिनाँक का स्टॉक पंचनामा जाँच के लिए प्रस्तुत नहीं किया जाता है तो इसे उसकी मिलीभगत और साँठगाँठ मानकर उस अधिकारी के विरुद्ध कठोर दंडात्मक कार्यवाही करना चाहिए ।देखना यह है कि अब इस मामले में जिला प्रशासन क्या कार्यवाही करता है।
  • दुकाने जो सील नही हुई

बरघाट
पिंडरई
धारना
बेहरई
भोमा
कान्हीवाड़ा
मलारा
छुई
खैरापलारी
केवलारी
छिंदा
ऊगली
सरेखा
पांडिया छपारा
में स्थित कुल 18 दुकाने आज भी सील नहीं हुई है

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