सिवनी

सिवनी जिले में बिना पंजीयन के चल रहा चिकित्सा व्यवसाय

  • 50 हजार रूपये जुर्माने का है प्रावधान
    सिवनी 07 अक्टूबर 2021 (लोकवाणी)। जिला मुख्यालय, विकासखंड मुख्यालय एवं ग्रामीण अंचलों में धड़ल्ले से शासकीय एवं निजी चिकित्सक, एलोपैथिक, होम्यो पैथिक एवं आयुर्वेदिक पद्धति से मरीजों का उपचार कर रहे है, एक तरफ चिकित्सक मरीजों के उपचार के नाम पर भारी भरकम राशि वसूल कर अपना व्यापार बढ़ा रहे है, वहीं दूसर ओर चिकित्सकों के द्वारा यह व्यापार बिना पंजीयन के किया जा रहा है। अवैध रूप से किये जा रहे इस व्यापार में लिप्त चिकित्सक बेखौफ होकर इसलिये कार्य कर रहे है, क्योंकि संबंधित विभाग का अमला इन पर कार्यवाही करने से कतराता है।
    मध्यप्रदेश रजिस्ट्रीकरण तथा अनुज्ञापन अधिनियम 1973 तथा नियम 1997 के अधीन कोई भी चिकित्सा व्यवसायी विधिवत पंजीयन कराये बिना चिकित्सा व्यवसाय नहीं कर सकता। प्रदेश में किसी भी प्रकार की चिकित्सीय क्लीनिक अथवा नर्सिंग होम के पंजीयन हेतु ऑनलाईन आवेदन कर अधिनियम में निर्धारित आवश्यकताओं की पूर्ति कर पंजीयन प्रमाण पत्र तथा अनुज्ञप्ति प्राप्त की जा सकती है। बिना पंजीयन चिकित्सा व्यवसाय करते हुये पाये जाने पर अधिनियम में 50 हजार रूपये तक के जुर्माने का प्रावधान किया गया है।
    सिवनी जिले में नगरीय एवं ग्रामीण क्षेत्रों में संचालित होने वाले क्लीनिकों एवं नर्सिंग होम के रूप में ही कुछ लोगों द्वारा अपना पंजीयन कराया हुआ है, इसके अलावा अधिकत्तर चिकित्सक बिना पंजीयन के ही अपना व्यापार संचालित कर रहे है। बीते दो वर्ष पूर्व सीएचएमओ कार्यालय से आदेश जारी होने के बाद आज तक किसी भी चिकित्सक पर बिना पंजीयन के व्यापार करने को लेकर किसी भी तरह की कोई कार्यवाही नहीं हुई, इतना ही नहीं सिवनी जिला मुख्यालय में तो नागपुर, जबलपुर, छिंदवाड़ा सहित अन्य प्रदेशों व जिलों से चिकित्सक सिवनी पहुंचकर बिना पंजीयन के बेरोक-टोक अपना व्यापार संचालित कर रहे है।
    पूर्व में हुये थे पंजीयन के आदेश
    मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी कार्यालय से बीते वर्षों में जिले में एलोपैथिक, होम्यो पैथिक एवं आयुर्वेदिक पद्धति से मरीजों का उपचार करने के लिये पंजीयन अनिवार्य रूप से कराये जाने के आदेश जारी किये गये थे, जिसमें शासकीय चिकित्सक, निजी चिकित्सक एवं नर्सिंग होम व क्लीनिकों को भी पंजीयन कराना अनिवार्य था, पंजीयन में मुख्य रूप से पद्धति का नाम, क्लीनिक का स्थान एवं डिग्री सहित अन्य जानकारियां कार्यालय द्वारा मांगी गई थी। आदेश जारी होने के बाद से आज तक यह आदेश फाईलों में दबकर दफ्तरों की शोभा बढ़ा रहा है, जबकि सिवनी जिले के पड़ोसी जिले बालाघाट में सीएचएमओ कार्यालय द्वारा आदेश जारी कर कार्यवाही के साथ जुर्माने का उल्लेख भी किया गया है।

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