सिवनी 22 नवंबर 2022 (लोकवाणी)। जिले की केवलारी तहसील में राहत राशि 11 करोड 16 लाख के नियम विरूद्ध भुगतान के मामले में पुलिस ने दो आरोपियों को सोमवार को गिरफ्तार कर रिमांड में लिया है तथा मुख्य आरोपी लिपिक नायब नाजिर सचिन दहायत की तलाश की जा रही है।
जानकारी के अनुसार तहसील केवलारी में राहत राशि का भुगतान किन खातों में जमा कराया गया है, इसकी जानकारी उपलब्ध कराने व खातों में जमा राशि को निकलवाकर अपना कमीशन लेने के बाद वापस लिपिक तक पहुंचाने वाले बिचौलियों के तौर पर काम करने वाले दो चचेरे भाइयों को केवलारी पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। गिरफ्तार आरोपितों में श्रेष्ठ अवधिया एक निजी बैंक का कर्मचारी बताया जा रहा था जबकि विशेष अवधिया भी उसके साथ काम करता था।
सूत्रों के मुताबिक, 11.16 करोड़ रुपये का घोटाला करने वाले फरार लिपिक सचिन दहायत से दोनों आरोपितों की गहरी दोस्ती थी। गिरफ्तार चचेरे भाइयों को पुलिस ने सिवनी न्यायालय में पेश कर दिया है। न्यायालय ने दोनों को 25 नवंबर तक पुलिस रिमांड में भेजा है। पुलिस अधिकारियों का कहना है कि आरोपितों से प्रकरण में मामले में आगे की पूछताछ की जा रही है।
निजी खातों में जमा कराया लाखों का कमीशन प्रारंभिक जांच घोटाले के 40 बैंक खातों के अलावा दोनों आरोपितों के 4 से 5 निजी बैंक खातों की जानकारी पुलिस को मिली है, इन बैंक खातों में जमा राशि को खंगाला जा रहा है। साथ ही यह भी देखा जा रहा है कि इन बैंक खातों में कितना लेनदेन किया गया है।
प्रशासन ने आरोपियों के घरों पर भी दविश देना प्रारंभ कर दिया है जहां बीते दिवस सोमवार को की गई कार्यवाही में पुलिस को चचेरे भाईयों के घर में कीमती सोने-चांदे के जेवर नहीं मिले हैं। हालांकि घर में विलासिता से जुड़ी कई महंगे उपकरण जैसे टीवी, फ्रिट, एसी व अन्य सामग्री मिली है। पुश्तेनी मकान में आरोपित रहते है, जो उनके दादा के नाम पर दर्ज है। 1800 वर्गफिट के घर में आरोपितों ने नया निर्माण भी कराया है, जिसका मूल्यांकन करने की जिम्मेदारी पीडब्ल्यूडी विभाग को सौंपी गई है। कार्रवाई के दौरान घर में परिवार के लोग नहीं मिले।
