मध्य प्रदेश सिवनी

जहां की मरम्मत, फिर वहीं से टूटी भीमगढ बांध की नहर

  • ग्रामीणों में आक्रोश, कार्यपालन यंत्री को सौंपा ज्ञापन
    सिवनी। एशिया का सबसे बड़ा मिट्टी का बांध भीमगढ़ बांध से पानी छोड़ने के बाद गत 16-17 नवंबर की रात लगभग डेढ़ बजे कान्हीवाड़ा के जामुनटोला के पास नहर का एक हिस्सा नाले के पास फूट गया था, जहां जल संसाधन विभाग ने नहर में चल रहा पानी रोककर मरम्मत का कार्य कराया। गत 19 नवंबर को मरम्मत कार्य पूर्ण होने के बाद पुनः भीमगढ़ बांध से दायीं तट नहर से पानी छोड़ा गया। जिस स्थान पर मरम्मत कार्य किया गया था उक्त मरम्मत कार्य पानी का दबाव नहीं झेल पाया और 20 नवंबर की दोपहर फिर से नहर टूट गई।
    अधिकारियों की माने तो भीमगढ़ बांध की 40 वर्ष पुरानी कच्ची नहरें कमजोर व जर्जर हो चुकी है। खस्ताहाल हो चुकी मुख्य नहरों में पानी का दबाव सहने की क्षमता नहीं बची है। बीते तीन-चार दिनों में नहर दो बार टूट गई है। इन परिस्थितियों में किसानों को सिंचाई के लिए पानी मिल पान संभव नहीं हो रहा है। अब जल संसाधन विभाग पुनः भीमगढ़ बांध से पानी की निकासी रोकेगा तथा मरम्मत कार्य करायेगा, जिसकी तैयारी की जा रही है। वहीं नहर फूटने की खबर मिलने के बाद क्षेत्रीय जनप्रतिनिधि व ग्रामीण आक्रोशित होकर मरम्मत स्थल पर पहुंच गए तथा जगह पर उपस्थित कार्यपालन यंत्री विनोद उईके को अपनी समस्याओं व सिंचाई के लिए पानी प्रदाय किए जाने के संबंध में एक ज्ञापन पत्र भी सौंपा है। यह भी लेख किया गया है नहर टूटने के लिए जिम्मेदार अधिकारी पर कार्यवाही हो।

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