- सत्ता पक्ष के विधायकों व सांसद ने पृथक-पृथक सौंपे ज्ञापन
सिवनी 3 जनवरी 2021 (लोकवाणी)। जिले के पेंच नेशनल पार्क में केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने तीन दिवसीय प्रवास किया, इस दौरान वे निजी कार्यक्रमों के अलावा कुरई घाटी में निर्माणाधीन फोरलेन सड़क का अवलोकन करने भी गये थे, इसी दौरान सिवनी मुख्यालय से जबलपुर मार्ग पर स्थित ग्राम बंडोल के समीप संचालित आलोनिया टोल टैक्स को बंद करने के लिये ना केवल सत्तासीन भाजपा के सांसद डॉ. ढालसिंह बिसेन, सिवनी विधायक दिनेश राय मुनमुन व राकेश पाल सिंह केवलारी विधायक ने पृथक-पृथक केंद्रीय मंत्री को ज्ञापन के माध्यम से अनुरोध किया, वहीं इस मामले में जिला कांगे्रस कमेटी द्वारा भी नितिन गडकरी का ध्यान आकर्षित कराया गया।
यहां यह बताना आवश्यक है कि सिवनी से जबलपुर के मध्य फोरलेन के माध्यम से यात्रा करने वाले वाहन चालकों को तीन स्थानों पर टोल टैक्स देना पड़ रहा है, सिवनी से रवाना होते ही आलोनिया के बाद लखनादौन के ग्राम मढ़ी एवं जबलपुर में प्रवेश करने के पूर्व बरगी में संचालित राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण के टोल टैक्स चौपहिया वाहन चालकों से निर्धारित राशि वसूल कर रहे है। स्पष्ट है कि सिवनी से जबलपुर के मध्य 149 किलोमीटर की दूरी तय करने के लिये तीन स्थानों पर टोल टैक्स देना नागरिकों का आर्थिक शोषण है।
विगत 1 जनवरी को सौंपे गये ज्ञापन के बाद भले ही केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी द्वारा आलोनिया टोल टैक्स का संचालन बंद करने के मामले को उच्च स्तरीय अधिकारियों को देखने के निर्देश दिये गये है, लेकिन इस दौरान कोई स्पष्ट दिशा निर्देश जारी ना होना संकेत करता है कि आलोनिया मामले पर केंद्रीय मंत्री ने केवल आश्वासन ही दिया है।
फुलारा टोल प्लाजा को भूली भाजपा व कांगे्रस
केंद्रीय मंत्री के दौरे के दौरान कांगे्रस व भाजपा द्वारा आलोनिया टोल टैक्स का संचालन बंद करने की मांग प्रमुखता से रखी, लेकिन अफसोस का विषय यह है कि दोनों ही दलों को सिवनी से छिंदवाड़ा के मध्य ग्राम फुलारा में संचालित टोल टैक्स नजर नहीं आया। ज्ञात रहे कि सिवनी से छिंदवाड़ा के मध्य सफर करने के दौरान वाहन संचालकों को मुख्यालय से मात्र 20 किलोमीटर दूर फुलारा में टोल टैक्स देना पड़ता है। स्थितियां यह है कि जिले की सीमा में ही आवागमन के दौरान किसानों एवं अन्य नागरिकों को चौपहिया वाहन जिसमें कृषि कार्य हेतु शामिल टै्रक्टर भी सम्मिलित है, उन्हें भी कृषि कार्य के लिये आवागमन करने के दौरान टोल टैक्स देना पड़ रहा है। स्पष्ट है कि कहीं ना कहीं फुलारा टोल टैक्स संचालन को लेकर दोनों ही दल एक राय है तभी इस महत्वपूर्ण मुद्दें को केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी के सामने नहीं रखा गया।