समस्याओं को लेकर मतदान के बहिष्कार पर अडे है क्षेत्रवासी
सिवनी 3 जुलाई 2022 (लोकवाणी)। जिले विकासखंड केवलारी के अंतर्गत आने वाली उप तहसील उगली के आसपास के नदी नाले वर्षा काल के चलते उफान पर हैं। प्राप्त जानकारी अनुसार उगली से लगभग आधा किलोमीटर दूर पर स्थित गोरखपुर नाला पर एक बार फिर भयानक बाढ़ देखने को मिली है। यह वही गोरखपुर ग्राम है जहां के मूल निवासीयों ने अपनी मुलभूत सुविधा सड़क बिजली पानी और नाले को ऊंचा करना आदि जायज मांग के लिए वर्तमान त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव का बहिष्कार किया है।
ज्ञात हो कि आगामी 8 जुलाई 2022 को केवलारी विधानसभा क्षेत्र में त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव संपन्न होना है परंतु मूलभूत सुविधाओं से वंचित रहने वाला ग्राम गोरखपुर की समस्त जनता चुनाव का बहिष्कार कर दिया है। वर्तमान में थोड़ी ही वर्षा होने पर नाले में भयंकर बाढ़ आ गई है, जिसके कारण लोगों को खासा दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। बताया गया कि इस मार्ग में दोनों और के सड़क मार्ग अवरुद्ध हो चुके हैं एवं किसानों के द्वारा धान की रोपी गई खार भी नष्ट होती दिखाई दे रही है।
प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार वर्षा के कारण चारों और क्यारियों में जलभराव की स्थिति निर्मित हो रही है यही कारण है कि अपनी मूलभूत सुविधाओं से वंचित होने के कारण गोरखपुर के मूल निवासियों ने चुनाव का बहिष्कार किया है परंतु शासन प्रशासन इस और ध्यान देना उचित नहीं समझ रही है। उगली से गोरखपुर सड़क मार्ग में जहां- तहां गड्डे हो चुके है तथा रोड के किनारे मिट्टी का कटाव तेज़ी से हो रहा है।
बताया गया कि क्षेत्रवासियों ने अपनी जायज़ मांग को लेकर क्षेत्रीय विधायक एवं सांसद को कई बार लिखित शिकायत भी कर चुके है लेकिन समस्याओं की ओर कोई ध्यान नहीं दिया गया है। दुर्भाग्य की बात यह है कि मांगों को लेकर सिर्फ आज तक आश्वासन ही मिला है।
गोरखपुर नाला में थोड़ी वर्षा होने पर बाढ़ के हालात बन जाते हैं जिसके कारण स्कूली बच्चों और ग्रामीणजनों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है, ग्राम गोरखपुर में प्राइमरी स्तर तक ही स्कूल है। आगे की पढ़ाई करने के लिए सभी बच्चों को उगली व अन्य स्थान पर उस नाले को पार करके ही जाना होता है। वर्षा काल के समय कई बार ऐसा देखा गया है कि स्कूली बच्चे व आम नागरिक दूसरे किनारे पर बाढ़ कम होने की प्रतीक्षा करते करते रात बिता देते हैं और उन्हें मजबूरीवश भूखे प्यासे उगली में शापिंग कॉन्प्लेक्स का सहारा लेना पड़ता है, परंतु इस मामले में क्षेत्रीय प्रतिनिधि व शासन प्रशासन पूर्ण रूप से चुप्पी साधे हुए हैं।