सिवनी 15 मई (लोकवाणी)। आध्यात्म से ही प्रतिभा संपन्न व्यक्ति एवं मूल्यनिष्ठ समाज का निर्माण होता है, उनसे ही अनंत रश्मियॉ, निकलती है और यही रश्मियॉ अनंत कोटि ब्रह्माण्ड को प्रभावित करती है। आध्यात्मिक आभा का प्रकटीकरण ही वर्तमान भारत को स्वर्णिम भारत बना सकता है। उक्ताशय का उद्गार ब्रह्माकुमारी संस्थान के मुंगवानी रोड स्थित नवनिर्मित भवन ‘‘शांति शिखर’’’ में आयोजित कार्यक्रम ‘‘आध्यात्मिक प्रज्ञा से स्वर्णित भारत’’ विषय पर मुख्य अतिथि के रुप में मंचासीन मध्यप्रदेश शासन गो संवर्धन बोर्ड के कार्यकारी अध्यक्ष संत शिरोमणि अखिलेश्वरानंद जी द्वारा व्यक्त किये गयें।
अखिलेश्वरानंद जी ने आगे कहा कि हमारी आभा प्रतिभा जब-जब शिथिल दिखायी पड़ती है तो ऐसे आध्यात्मिक कार्यक्रम करने की आवश्यकता पड़ती है। भारत के अतीत का स्मरण कराते हुए कहा कि भारत की पहचान भौगोलिक, राजनीतिक, धार्मिकता के कारण नहीं बनी है बल्कि उसकी पहचान एक आध्यात्मिक राष्ट्र के रुप में मिली थी। भारत की आध्यात्मिकता अक्षुण है, वह कभी मिटाई नहीं जा सकती है। इसीलिए पुरातन समय से भारत की आध्यात्मिक विरासत को मिटाने वाले हर काल में खुद ही मिटते गये। आज हम इस कार्यक्रम के माध्यम से शपथ ले कि हम वहीं कर्म करेंगे जो हमारे जीवन के उत्थान के लिए उपयोग होगा।
इस अवसर पर वरिष्ठ राजयोगी गीता बहन ने कार्यक्रम के उद्देश्य एवं महत्व को बतलाते हुए कहा कि संस्थान द्वारा वर्ष 2023 हेतु संचालित होने वाले समस्त कार्यक्रमों हेतु थीम- ‘‘आध्यात्मिक प्रज्ञा से स्वर्णिम भारत’’ रखा गया है, जिसके अंतर्गत संस्थान द्वारा यह कार्यक्रम आयोजित किया गया है। ब्रह्माकुमारी संस्थान की जिला प्रभारी योगशक्ति राजयोगनी ज्योति दीदी ने अपने आशीर्वचन में कहा कि भारत को भारत माता कहा जाता है। इसीलिए वर्तमान भारत को स्वर्णिम भारत बनाना यही भारत माता का सच्चा-सच्चा सम्मान होगा।
कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे मजगमा मौनी दादा आश्रम के संत शिरोमणि श्रृद्धेय बलवंता नंद जी ने अपने अध्यक्षीय उद्बोधन में कहा कि जिस प्रकार स्वर्ण स्वयं में आभूषित है एवं दूसरों को भी आभूषित करता है उसी प्रकार आध्यात्मिकता प्रत्येक व्यक्ति को दुराग्रह, पूर्वाग्रह से परे पारदर्शी बनाकर मूल्यों से आभूषित करती है। अंत में ब्रह्माकुमारी नीतू बहन द्वारा आभार प्रदर्शन व्यक्त किया गया। कार्यक्रम का सफल संचालन भ्राता पंडित दीप नारायण तिवारी के द्वारा किया गया।