सिवनी

घरेलू गैस की हो रही कालाबाजारी

बिना तौल के ही थमा दिया जाता है उपभोक्ताओं को सिलेंडर
सिवनी 25 अक्टूबर 2021 (लोकवाणी)। जिले में संचालित गैस एजेंसियों द्वारा नियम अनुसार एजेंसियां संचालित करने की बजाय उपभोक्ताओं का शोषण किया जा रहा है। यहां तक की नियम अनुसार सिलेंडर की सप्लायी वजन के अनुसार किया जाना चाहिये, लेकिन सिवनी जिला मुख्यालय सहित विकासखंड मुख्यालय और ग्रामीण क्षेत्रों में स्थित गैस एजेंसियां नियमों को दरकिनार कर कालाबाजारी करते हुये बिना तौल के ही उपभोक्ताओं को सिलेंडर थमा देती है।
ज्ञात हो कि वर्तमान परिवेश में प्रत्येक परिवार खाना बनाने के लिये रसोई गैस का उपयोग करता है, इसके अलावा एलपीजी गैस का उपयोग व्यवसायिक रूप से भी अनेक दुकानदारों द्वारा किया जाता है। एक तरफ दिनों-दिन बढ़ रही महंगाई के चलते आम नागरिक धीरे-धीरे कर्ज के बोझ तले दबता चला जा रहा है, वहीं दूसरी ओर गैस एजेंसियों के द्वारा कालाबाजारी करते हुये बिना तौल के ही उपभोक्ताओं को सिलेंडर दे दिया जाता है, जबकि नियम अनुसार सिलेंडर सप्लायी के दौरान उपभोक्ता के समक्ष सिलेंडर का वजन किये जाने के बाद सप्लायी की जानी चाहिये।
जिला मुख्यालय सहित विकासखंड क्षेत्रों में एचपी गैस, भारत गैस, इंडेन गैस की अनेकों एजेंसियां संचालित है, अनेक स्थानों पर तो एजेंसियों के पास गोडाउन तक उपलब्ध नहीं है। विकासखंड स्तर पर संचालित होने वाली अधिकतर एजेंसियां बिना गोडाउन के ही संचालित हो रही है, जबकि रसोई गैस एजेंसियां के गोडाउन नगरीय सीमा से बाहर होने चाहिये। रसोई के अनेक उपभोक्ताओं द्वारा चर्चा करते हुये बताया गया कि पूर्व में जहां उनका सिलेंडर देर से दो माह चलता था, अब वह एक माह के अंदर ही समाप्त हो जाता है। इस बात से अंदाजा लगाया जा सकता है कि रसोई गैस के वजन को लेकर एजेंसियों द्वारा कालाबाजारी की जा रही है।
होटलों एवं ढाबों में उपयोग हो रहे घरेलू सिलेंडर
जिले में जिला मुख्यालय सहित विकासखंड मुख्यालय एवं ग्रामीण अंचलों में संचालित होने वाली चाय की दुकानों, होटलों एवं ढाबों में व्यवसायिक सिलेंडर की बजाय घरेलू गैस सिलेंडर का उपयोग खुलेआम किया जा रहा है। यहां यह बताना आवश्यक है कि ऐसे उपभोक्ताओं को घरेलू गैस सिलेंडर को कुछ अधिक दाम देकर संचालित एजेंसियों द्वारा आसानी से उपलब्ध करा दिया जाता है। घरेलू गैस के उपभोक्ताओं के साथ एजेंसियों द्वारा धोखाधड़ी कर कालाबाजारी की जा रही है। व्यवसायिक रूप से हो रहे घरेलू गैस सिलेंडर के उपयोग को लेकर संबंधित विभाग की कार्यवाहियां भी शून्य है, जिसके चलते खुलेआम उपभोक्ताओं को लूटा जा रहा है।

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